


बहुत की दुर्लभ और आकर्षक तितली
बैसे तो रंगबिरगी तितलियों और परियों की कहानी हर बगो को लुभाती है बैसे रंग बिरगी तितलियां, प्यारी-प्यारी तितलियाँ बगों, बुर्जुग, जवान सभी का मन मोह लेती है अकसर किसी तितली के आ जाने पर बगों उसके पीछे हो लेते है उसके जैसे उडऩा बगाों की पहली इक्छा होती है। नटखट बगों घंटो तितलियों के पीछे दीवाने बने बेशुद होकर घूमते रहते है। हांलाकि शहरों में जब से कक्करीट के जगल इंसानों ने उगा लिये है उससे तितलियों का देखा जाना कम ही हो गया है। किन्तु ग्रामीण क्षेत्रों मेंं बाग बगीचों में खिले रंग बिरगों फूलों के बीच छोटी-बड़ी प्यारी नियारी तितलियाँ देखने को मिल जाती है। ऐसे में ही कभी-कभी स्वप्रलोक जैसी अनोखी और दुर्लभ प्रजाति की तितलियाँ भी देखने को, छूने को मिल जाती है। आज ऐसे ही एक दुर्लभ प्रजाति की बड़ी आकर्षक ईश्वर के रंगों में भिगोई गई तितली सेवन ग्राम के कुछ बगाों के साथ अटखेलिया करती देखी गई। इसकी सुन्दरता पर हर कोई मोहित हो उठा। बगो तो क्या बड़ों ने इसके दुलारा और इसके साथ फोटो खीची। कुछ बुर्जुगों को इस तितली को देखकर कहना है कि हमने तो अपने सत्तर वंसत देखने के बाद भी ऐसे सुन्दर तितली कभी नहीं देखी।
नारायण प्रसाद कुशवाहा