यह सफेद फूल लक्ष्मी जी को करता है प्रसन्न और कुंडली से हटाता है दोष

साल भर फूलों से सजा और हरा-भरा रहने वाल कनेर का पेड़ सुंदर और खुशहाली का प्रतीक है । इसे देखकर मन प्रसन्न हो जाता है । उसी प्रकार इसे घर में लगाए जाने से साल भर घर में धन का आगमन रहता है। धर्म और की ज्योतिष में मान्यता के अनुसार कनेर को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। सफेद कनेर के पुष्प मां लक्ष्मी को अर्पित किए जाते हैं । मां लक्ष्मी को कनेर का पेड़ और फूल दोनों प्रिय होते हैं । ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा आती है । भगवान विष्णु को कनेर के पीले फूल प्रिये बताये जाते हैं । इसके अलावा कनेर का पेड़ औषधीय गुणों से भरा पड़ा है । इसकी पत्ति, फूल और छाल के कई औषधीय गुण होते हैं। इसके प्रयोग से कई बीमारियों में लाभ मिलता है ।अगर कुंडली में ग्रह दोष है तो कनेर का पेड़ दोषों से मुक्ति के लिए भी कारगर माना जाता है

कनेर का पेड़

इसका वैज्ञानिक नाम कैस्केबेल थेवेटिया है ।इसकी पतली-पतली हरी भरी पत्तियां, गोल लंबे से फूल, बड़ी सुपाड़ी की तरह दिखने वाले गोल फल , तकरीबन 4 तरह के रंगों में कनेर के पुष्प होते हैं । कनेर सामान्यतः बाग बगीचों घरों या घर की छतों पर सुंदरता बिखेरता दिख जाता है । आज कल सरकार भी रोड़ पर सेंटर पट्टी पर भी कनेर के पौधों को लगवा रही है जिससे वातवरण शुद्ध और मोहक रहे । साथ ही आवामन में पड़ने वाली लाइट से भी वाहन चालक को राहत मिले ।

पूजा पाठ में कनेर

कनेर के पौधे को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। देवी लक्ष्मी को सफेद कनेर के फूल चढ़ाए जाते हैं। कनेर के पीले रंग के फूल भगवान विष्णु को प्रिय होते हैं। ऐसी मान्यता है कि पीले फूलों वाले कनेर के पेड़ पर साक्षात विष्णु भगवान बसते हैं। रोजाना कनेर के पौधे की जड़ में जल चढ़ाएं जाने से धार्मिक लाभ होते हैं ।

ज्योतिष में कनेर

अगर किसी व्यक्ति पर मंगल दोष है या कुंडली में किसी नीचे का गृह बैठा है तो उसकी शांति के लिए कनेर का वृक्ष लगाना या उसकी पूजा करना लाभकारक होता है ।

वास्तु शास्त्र में कनेर

वास्तु शास्त्र के अनुसार कनेर का पौधा सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण करके शुभकर्ता माना गया है। माना जाता है कि जिस तरह कनेर का पेड़ मन को शांत रखता है और वातावरण में सकारात्मकता लाता है उसी तरह से समृद्ध भी बनाता है । धन की कमी को दूर करता है । इस पेड़ को सही दिशा में लगाने से अच्छा लाभ होता है ।

औषधीय पौधा है कनेर

कनेर में कुछ एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-सेप्टिक गुण होते हैं, जिसेका इस्तेमाल कर कई बीमारियों में लाभ मिलता है । कनेर का फूल फल तना पत्तो में औषधीय गुण भरे होते हैं । इसका उपयोग से घाव भरे जाते हैं, सिरदर्द, दंतपीड़ा और फोड़े-फुंसियों में भी यह बहुत फायदेमंद है। कनेर के पत्तों का इस्तेमाल आप कई तरह के दर्द और पुरानी दाद या खुजली में लेप के तौर पर भी कर सकते हैं । कनेर के पत्तों का उपयोग हृदय रोग में भी लाभ दायक माना जाता है । अस्थमा मधुमेह और मिर्गी का उपचार, कैंसर, दांत दर्द, मलेरिया समेत अन्य बुखार, पीलिया में भी इसके फायदे हैं ।

सावधानी बरतें

इस पौधे से निकलने वाला तरल, दूध की तरह सफेद और गाढ़ा होता है । हस पेड़ की प्रकृति जहरीली होती है । इसका उपयोग डॉक्टर या वैद्य की सलाह से ही उचित मात्रा मै किया जाना चाहिए ।

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