सागर। भोपाल और इंदौर से हनीट्रैप गिरोह की 5 महिलाओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जिससे हनीट्रैप गिरोह की सच्चाई सामने आने के बाद यह साफ हो गया है कि विधानसभा चुनावों में मिली करारी पराजय का जो सदमा भाजपा नेताओं को लगा है, उससे वे उबर नहीं पा रहे हैं और वे येन-केन- प्रकारेण फिर से सत्ता में लौटने का ख्वाब देख रहे है, जिसके चलते वे विधायकों की खरीद,फरोख्त के साथ ही सभी तरह की घृणित कोशिशें करते हुए, सरकार को अस्थिर करने के अपने प्रयासों के तहत हनीट्रैप जैसे निम्नस्तरीय हथकंडों पर भी उतर आए हैं, किंतु एजेंसियों की जांच और मीडिया के माध्यम से जैसे-जैसे पूरा मामला सामने आता जा रहा है, वैसे-वैसे यह भी साफ होता जा रहा है कि भाजपा के नेता ही इस हनीट्रैप मामले में मुख्य किरदार हैं। यह बात कांग्रेस के संभागीय प्रवक्ता वीरेन्द्र गौर ने वक्तव्य में जारी कर कही।
श्री गौर ने अपने बयान में आगे कहा कि आज अखबारों में यह खबर प्रमुखता से छपी है कि इंटेलिजेंस के पास यह सूचना थी कि भाजपा से जुड़े एक पूर्व मंत्री के इशारे पर हनीट्रैप गिरोह का इस्तेमाल 7 विधायकों को फंसाने के लिए किया जाने वाला था। यह भाजपा द्वारा की गई एक विफल और घटिया साजिश थी। जिसकी परतें खुलने के बाद अखबारों ने यह प्रमुखता से छापा है कि भाजपा के ही कई रसूखदार इस हनीट्रैप की चपेट में थे और इस बात की पूरी संभावना है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढेगी वैसे-वैसे भाजपा के कई और ऐसे चेहरे सामने आएंगे, जिन्होंने भाजपा सरकार के पिछले कार्यकाल में अपने रसूख का प्रदर्शन करते हुए, भष्टाचार के पैसों से विलासिता की सारी सीमाएं पार कर दी थीं। गौर ने अपने बयान में यह भी बताया कि पिछली सरकार के कार्यकाल में मंत्रियों, नेताओं और अधिकारियों के संगठित गिरोह के द्वारा प्रदेश की खनिज संपदा और खजाने को निरंकुश होकर लूटा गया और हनीट्रैप का यह मामला भी उक्त संगठित गिरोह की कारगुजारियों की ही एक कड़ी और झलक मात्र है। गौर ने कहा है कि कमलनाथ सरकार की चक्की में कितना ही रसूखदार अपराधी क्यों न हो बख्शा नहीं जाएगा।