कार्यवाही के पहले अपनों को भगाया, दो क्लीनिकों को किया सील
सुरेन्द्र जैन मालथौन। बुधवार के दिन सागर से आई स्वास्थय विभाग की टीम ने स्थानीय दो अस्तपतालों को सील कर दिया। इन अस्पतालों में बैठे चिकित्सको पास बीएचएमएस एवं बीएएमएस आयुर्वेद की डिग्री थी। लेकिन ऐलोपैथी दवाई करते हुए पाए गए। टीम ने सील तो कर दिया लेकिन स्वास्थय विभाग की टीम की कार्यवाही कई सवाल छोड़ गई क्यो कि कार्यवाही एक बार फिर गायत्री अस्पताल पर की गई उसी अस्पताल पर पिछले वर्ष भी की गई थी। सवाल इसलिए भी खड़ा हो गया क्यो कि टीम के पहुंचने से पहले ही लगभग सभी अस्पताले बंद कर नौ दो ग्यारह हो चुके थे जिसमें कुछ मेडीकल भी शामिल थें। एक फिर कार्यवाही उन्ही पर हुई जिनके पास कुछ डिग्री थी लेकिन कुछ डाक्टर जिनके पास शायद आठवी पास की मार्कशीट तक नही है वो फिर बच गए। इनके मुख्य रूप से चांदसी वंगाली डाक्टर शामिल है जो वंगाल से यहां आकर धडल्ले दुकानें खोलकर हरी पीली नीली गोलिया देकर क्षेत्रवासियो की जान से खिलवाड़ कर रहे है। इनकी न तो डिग्री का पता है और न खुद का पता है कि बंंगाल में कहा के है। लेकिन अब यह यहां के स्थानीय निवासी बन चुके है वाकायदा मकान भी बना लिए है। लेकिन इनकी डिग्री कहां की ह,ै कैसी है, किसी को नही पता, और टीम आने के पहले सबसे पहले यही नौ दो ग्यारह हो गए। इसमें प्रमुख रूप से बांदरी के मुख्य बाजार प्रागंण में बैठे बंगाली चांदसी डाक्टर गायब हुए ये अपने दवाखाना को लेकर काफी चर्चाओ में रहते है इनकी डिग्री का तो कुछ पता नही, लेकिन इलाज के मामले में यह आपरेशन करने तक से नही चूकते। कई लोग इनका शिकार हो चुके है लेकिन इनका कुछ नही हुआ। सूत्रों की माने बंगाली झोलाझापो से नजराना प्रतिमाह विभाग के कारिंदे निगल रहे है यही वजह है कि वह वच निकलते है टीम के आने से पहले सेफ करवा दिया गया।
गायत्री अस्पताल के संचालक डॉ जयराम ठाकुर ने बताया कि मुझे द्ववेश भावना बस फसाया जाता है यदि कार्यवाही की जानी है तो उन पर करो जिनके पास कोई डिग्री नही है और जो स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से संचालित है, जिससे टीम आने की सूचना उन्हे पहले से दी गई। कार्यवाही करने वाली टीम में जिला चिकित्सालय नोडल अधिकारी एसएस ठाकुर, नोडल सहायक अरूण प्रजापतिए बीएमओ डॉ धमेन्द्र श्रीवास्वतए बांदरी स्वास्थय केन्द्र प्रभारी डॉ प्यूष अरजरिया, डॉ अंकित जैन सहित बांदरी थाना प्रभारी रविभूषण पाठक अपने स्टाफ सहित शामिल थें।
इनका कहना है.
झोलाछाप डाक्टरो की लगातार आ रही शिकायतों पर सागर से आयी टीम ने इनकी अस्पतालों को शील किया गया है एवं जो अस्तपतालें रह गयी है या जो बंद पाई गई है उनके खुलते ही उन पर विधिवत कार्यवाही की जाएगी।
डॉ धर्मेन्द्र श्रीवास्तव।