दो सौ वर्ष से भी अधिक पुराना मां ज्वाला देवी का मंदिर जहां होती है मनोकामना पूर्ण


ज्वाला देवी टेहरा टेहरी देवी में भक्तों ने किया ध्वजारोहण

धमेन्द्र हजारी राहतगढ़। क्षेत्र में एक ऐसा प्राचीन मंदिर जहां पर होती है, पूर्ण मनोकामनाएं और शिवजी के गले के हार नाग देवता भी जाते हैं। मंदिर दर्शन को यह मंदिर सागर से राहतगढ़ रोड पर ग्राम बेरखेड़ी से लगभग तीन किलोमीटर और राहतगढ़ से करीब 13 किलोमीटर ग्राम टेहरा टेहरी के घने जंगलों की ऊंची पहाड़ी पर मां ज्वाला देवी का मंदिर बना हुआ है। इस मंदिर से जुड़ी अनेक रहस्य है। पंडित सुरेंद्र कुमार मिश्रा निवासी सागर ने बताया कि इस मंदिर में संतान प्राप्ति हेतु लोग बाहर से आते हैं और मां के दरबार में अर्जी लगाकर संतान प्राप्ति के उपरांत यहां प्रसाद चढ़ाकर भंडारा करते है। वही मंदिर के पुजारी मुरारी दास ने बताया कि यह काफी प्राचीन मंदिर है। मैं यहां पूजा करता हूं मेरे साथ कई बार ऐसी घटना घटित हुई कि जब मैं रमझिरिया के पास शिव मंदिर से माता के यहां पूजा करने पहुंचता हूं तो मेरी पूजा बाले थैले में एक विशालकाय नाग निकलते हैं और मंदिर में घूम फिर कर वापस आलोप हो जाते है यह घटनाक्रम मेरे साथ कई बार हो चुका कल भी यही घटनाक्रम हुआ था कि मैं आया और मेरे थैले से अचानक एक काले विशालकाय नाग निकले और मंदिर में घूम कर वापस आलोप हो गए। जिनके बहुत से लोगों मैं दर्शन किए लेकिन वह किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते गांव के रहवासी सौरभ शुक्ला ने बताया कि यह मंदिर करीब 200 वर्षो से भी अधिक पुराना है, मां ज्वाला देवी जी ने गांव वालों कोई स्वप्न देकर कहा कि मैं जालंधर से यहां आ गई हूं प्रमाण के लिए पहाड़ के नीचे पड़े पत्थर पर हमारे पैरों के निशान देख सकते हो जब ग्रामवासी वहां पर पहुंचे तो माता के पैरों के निशान पाए गए उसके बाद देवी जी की स्थापना पहाडयि़ा पर विराजमान हो गई गांव की बसाहट पहले पहाड़ पर हुआ करती थी धीरे.धीरे ग्रामीणों ने अपना निवास गांव के नीचे बना लिया करीब 50 वर्ष पूर्व सौरभ शुक्ला की बुआ ने मंदिर का निर्माण करवाया था क्योंकि उनकी लड़की को माता निकली हुई थी और उन्होंने कहा कि आप शांत हो जाए अच्छी हो जाए मैं मंदिर का निर्माण करवाऊंगी बद्री प्रसाद राजपूत ने बताया कि देवी के परम भक्त अमर सिंह रावत पंडा देवी जी को इतना मानते थे कि उनकी प्रत्यक्ष रूप से बात होती थी उनके देहावसान के बाद पंडा का बही पर चबूतरा बना दिया गया है पंडा को देवी की बहुत कृपा बनी हुई थी आज गांव में पंडा की तीसरी पीढ़ी निवास कर रही है दोनो नवरात्रि में धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैंदूर दूर से लोग देवी मंदिर पहुंचकर माता के दर्शन उपरांत अपने बोलना को बोल कर आते हैं अगली नवरात्रि में वहां भंडारे करवाते हैं।

नगर से 13 किलोमीटर दूर मां ज्वाला देवी ग्राम टेहरा टेहरी में देवी भक्तों ने नवरात्रि प्रथम दिन ढोल नगाड़े के साथ पहुंचकर ध्वजारोहण कर पूजा अर्चना की । ध्वजारोहण में धर्मेंद्र सिंह राजपूत सुभाष सिंह ठाकुर राघवेंद्र सिंह ठाकुर यादवेंद्र सिंह ठाकुर सरपंच सौरव शुक्ला प्रवीण राय गोलु यादव ललित कोरी सुदामा पटेल मोहित राजपूत सहित अन्य लोग शामिल रहे।

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