गीला और सूखा कचरा अलग-अलग नहीं किया तो जनता को लगेगा दण्ड, गाडिय़ों में नहीं पृथक रखने की व्यवस्था

बीते दिनों नगर निगम सागर ने की थी अधिसूचना जारी, गाडिय़ों में गीला और सूखा कचरा जाता है एक साथ
श्रीराम सेन सागर।
घरों एवं प्रतिष्ठानों से कचरे का प्रथक्कीकरण कर गीले कचरे को हरे डस्टबिन में एवं सूखे कचरे को नीले डस्टबिन में एकत्रित कर कचरा गाड़ी आने पर ही कचरा दें। यह अधिसूचना नगर निगम आयुक्त के निर्देश पर प्रकाशित की गई। नगर निगम ने अधिसूचना जारी करने से पहले लगता है तैयारी नहीं की है। संबद्धित एजेंसी की अधिकांश गाडिय़ों में गीला और सूखा कचड़ा पृथक-पृथक रखने की व्यवस्था नहीं है। ऐसे मेें दण्डात्मक कार्यवाही सवालों के घेरे में है। वहीं लोगों में चर्चा है कि नगर निगम पहले खुद को सुधारे बाद में जनता पर चाबुक चलाये। चर्चा यह भी है कि नगर निगम द्वारा जनता से पैसे वसूली का कहीं यह नया फंड़ा तो नहीं है? क्या निगम के अधिकारियों द्वारा कचरा गाड़ी जिसमें गीला और सूखा कचरा रखने की व्यवस्था पुख्ता नहीं है पर कार्यवाही की जाएगी।
कार्यालय नगर पालिका निगम सागर की अधिसूचना में निर्देश जारी किये हैं कि कचरे को खुले में अथवा नालियों में ना फेंके। ऐसा करते पाये जाने पर नगर पालिका निगम अधिनियम के 1956 की धारा 215 के अनुसार अर्थदण्ड दिया जाएगा। सागर शहर को स्वच्छ बनाने नगर निगम द्वारा कई प्रयास किये जा रहे हैं। इन्हीं में से एक है कचरा गाड़ी जो घर-घर जाकर कचड़ा एकत्रित करती है। जिससे श्लोगन में लोगों को बताया जाता है कि गीला और सूखा कचरा अलग-अलग एकत्रित करें और गाड़ी में डाले। नगर निगम का प्रयास तो सराहनीय है किंतु बिडम्बना यह है कि जिस गाड़ी में गीला और सूखा कचरा डालने की बात कही जाती है। अधिकांश गाडिय़ों में कचरे को गीला और सूखा अलग-अलग रखने की व्यवस्था ही नहीं है। नगर निगम द्वारा लगता है जनता का माखौल बनाया जा रहा है। कुछ दिन पहले नगर निगम आयुक्त के निर्देश पर कार्यालय नगर पालिका निगम सागर की इस अधिसूचना में निर्देश जारी किये हैं कि कचरे को खुले में अथवा नालियों में ना फेंके। ऐसे करते पाये जाने पर नगर पालिका निगम अधिनियम के 1956 की धारा 215 के अनुसार अर्थदण्ड दिया जाएगा। निगम के अधिकारियों द्वारा सूचना में निर्देश जारी किये गये हैं कि घरों एवं प्रतिष्ठानों से कचरे का प्रथक्कीकरण कर गीले कचरे को हरे डस्टबिन में एवं सूखे कचरे को नीले डस्टबिन में एकत्रित कर कचरा गाड़ी आने पर ही कचरा दें। इस बात को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि हमारे वार्ड में जो कचरा गाड़ी आती है उसमें लिखा तो होता है सूखा कचरा एवं गीला कचरा किंतु गाड़ी की ट्रॉली में कोई पार्टीशन नहीं है। सिविल लाईन की एक महिला सुमत रानी ने व्यंग्य भरे अंदाज में बताया कि ये निगम वाले कहते हैं गीला और सूखा कचरा गाड़ी में अलग-अलग डालो किंतु गाड़ी की ट्रॉली में कोई पार्टीशन नहीं है। हमने जब गीला और सूखा कचरा डाला तो दोनों गाड़ी की ट्रॉली में एक साथ एकत्रित हो गये और गीले कचरे का पानी रोड पर बहने लगा। अब बताईये ये लोग कचरा अलग-अलग डालने को कहते है यह कैसे संभव है। मोहनलाल का कहना है कि क्या निगम के अधिकारियों द्वारा प्राइवेट कंपनी की कचरा गाड़ी जिसमें गीला और सूखा कचरा रखने की व्यवस्था पुख्ता नहीं है पर कार्यवाही की जाएगी। क्या इसके लिये भी नियम और दण्डात्मक कार्यवाही लागू होगी? वहीं एक कर्मचारी नें नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि प्राईवेट कंपनी रेमकी का नगर निगम के साथ अनुबंध है कचरा उठाने का काम सभी वार्डों में किया जा रहा है। लेकिन कुछ गाडिय़ों में अस्थाई पार्टीशन किया गया है। वर्ष 2017 में गाडिय़ों में कचरा अलग-अलग करने पार्टीशन प्लेटे लगवाई गई थी किंतु कंपनी के कर्मचारी अपनी सुविधा के अनुसार काम करते हैं। कुछ गाडिय़ों में कोई पार्टीशन नहीं है। कुछ गिनी चुनी गाडिय़ों में ही कचरे को पृथक-पृथक गीला-सूखा रखने की क्षमता है।
इनका कहना है
इस संबंध में नगर निगम महापौर का कहना है कि गाडिय़ों में पार्टीशन के संबंध में हमे जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो हम इसकी जांच करवाते हैं।
अभय दरे महापौर नगर निगम सागर।
इस संबंध नगर निगम आयुक्त से भी फोन पर चर्चा करनी चाही लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

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