युवाओं में पौराणिक कथाओं, पराम्परा, धर्म और संस्कृति की अलख जगाने हो रहा लोकरंग महोत्सव का आयोजन


वनाचंल लोकोदय सोसायटी करा रही है तीन दिवसीय आयोजन, स्थानीय सहित दूसरे प्रदेश के दे रहे प्रस्तुतियां
नारायण प्रसाद कुशवाहा सेवन। बदलते परिवेश और टेक्रोलॉजी के बढते उपयोग के कारण युवा पथभ्रमित होते जान पढ रहे है। हमारी धरोहर संस्कृति जैसे लोक रंग लोकोत्सव, लोको प्रर्दशन, रंगमंच, लोककला, संगोष्ठी, लोकोत्सव और धार्मिक-पोराणिक कथाओं का प्रचलन कुछ कम सा हो चला है और यदि होता है तो युवाओं में इन सभी चीजों को लेकर उत्साह कम ही नहीं नजर आता है। ऐसे में वनांचल लोकोदय सोसायटी द्वारा खुरई विधानसभा के वन अंचल में बसे बांदरी के पास के ग्राम सेवन में वनांचल लोक रंग महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। ऐसा आयोजन अपने आप में चुनौती पूर्ण है। एक तो व्यवस्थाओं का जुटाना और दूर दराज के गांव शहरों और प्रदेशों से आये रंगमंच कर्मियों, कलाकारों को जुटाकर रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन कर जनता जनर्धन का मनोरजंन करना और मनोरंज के साथ-साथ पुराणिक कथाओं और परम्पराओं से रूबारू कराना भी अपने-आप में किसी कला से कम नहीं है। वनांचल लोकोदय सोसायटी के संस्थापक व सचिव डॉ. जुगल किशोर श्रीवास्तव ने ग्राम सेवन से जो सचमुच में प्राकृतिक सौंर्दय, धर्म संस्कृति की अलख जगाने वाला व वन के आंचल में बसा ग्राम है यहां इस तरह का आयोजन होना एक सुखद अनुभूति है। ग्राम सेवन में संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अनुदान प्राप्त संस्था द्वारा 8, 9 एवं 10 अक्टूबर तीन दिन लोकरंग महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसके प्रथम दिन सागर, खुरई, बांदरी, आर्गासिस, कोलुआ, किशनपुरा और सेवन के लोक कलाकारों ने धर्म और पराम्परिक कला से ओतप्रोत कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसे देखकर आसपास के कई ग्रामों से आई हुए रंगमंच प्रेमियों ने कला दर्शन किया। आयोजन के दूसरे दिन 9 अक्टूबर को भी कई आयोजन किये गये। इन आयोजनों में मुख्य रूप से हरियाणा से आये लोक कलाकारों के साथ विदवासन, सेवन, कोलुआ, ईशुरवारा, बहेरिया, मुहली सहित अन्य गांव के कलाकारों ने मनोरजंक और ज्ञानवर्धक प्रस्तुतियां दी। 10 अक्टूबर को सागर, सेवन, बांदरी, खुरई, हरियाणा से आये कलाकारों द्वारा संास्कृतिक और पारम्परिक रंगमंच का आयोजन किया जावेगा।
संस्थापक व सचिव डॉ. जुगल किशोर श्रीवास्तव ने बताया कि वनाचंल लोकोदय सोसायटी बुंदेलखण्ड क्षेत्र में लोक प्रदर्शन को बढावा देने के लिये काम कर रही है। संस्थान लगातार रंगमंच पराम्परिक कला, लोक कला, संस्कृति, उत्सव और संगोष्ठी का आयोजन समय-समय पर किया जा रहा है। डॉ. जुगल किशोर ने बताया कि हमारा उद्देश्य केवल रंग मंच की प्रस्तुति नहीं अपितु हमारा उद्देश्य नव युवाओं को इस देश की पराम्पराओं, इतिहास, धर्मग्रन्थ, लोक कलाओं और पराम्पराओं से रूबारू कराकर ज्ञानबर्धन बनाना भी है। आज की कम्प्यूटर युग में खासकर बच्चे और युवा खेलकूद और पराम्पराओं, लोककलाओं की तरफ से मुह मोडते जा रहे है। ऐसे बच्चों और युवाओं को वापिस अपनी धरा से जोडऩा हमारा उद्देश्य है।
कार्यक्रम में नगरीय विकास और आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर, नगर परिषद अध्यक्ष विश्वनाथ सिंह लोधी, जिला पंचायत सदस्य राजेश राय, हरनाम सिंह पिठोरिया, देवीसिंह विदवासन, रमेश कुशवाहा जनपद सदस्य सेवन, कृष्ण मुरारी सरपंच किशनपुरा, सुदामा राय सरपंच ईशुरवारा, द्वारका प्रसाद सरपंच बहेरिया, रामभजन सरपंच विदवासन, लक्की कुशवाहा सरपंच कोलुआ, श्रीमति अर्चना श्रीवास्तव सरपंच सेवन सहित मुख्य अथिति के रूप में शामिल हुए।

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