सागर को मेडिकल फील्ड का हब बनाना समय की आवश्यकताः मंत्री भूपेंद्र सिंह


मंत्री भूपेंद्र सिंह ने वरिष्ठ चिकित्सकों का सम्मान किया

सागर। सागर मेडीकल फील्ड का हब बने। मरीजों को इलाज के लिए सागर से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं रहे, इस दिशा में आप सभी चिकित्सकों के संगठन एक सेमीनार आयोजित करें जिसके निष्कर्षों पर शासन प्रशासन की ओर से काम आगे बढ़ाया जा सके। यह विचार नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने यहां नर्सिंग होम एसोसिएशन की ओर से आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए रखा है। 
मंत्री सिंह ने कहा कि सागर में मेडीकल सेक्टर तेजी से बढ़ा है लेकिन इसके बाद भी मरीजों का उपचार के लिए नागपुर,इंदौर, भोपाल, जबलपुर जाने का सिलसिला जारी है। ऐसी क्या आवश्यकताएं और सुविधाएं हैं जो पूरी की जाना चाहिए, राज्य और केंद्र की सरकारों से हम और कौन सी सुविधाओं की मांग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पालिसी मेटर में कहीं सुधार की आवश्यकता है क्या, ये सभी ऐसे विषय हैं जिन पर सागर में एक दिवसीय सेमीनार आयोजित किए जाने की आवश्यकता है।
मंत्री सिंह ने कहा कि आप एसोसिएशन के माध्यम से यह सेमिनार आयोजित करें। सेमिनार के लिए स्थान आपको हम उपलब्ध कराएंगे। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव और आयुक्त की उपस्थिति शासन की ओर सुनिश्चित की जाएगी। मंत्री भूपेंद्र ने कहा कि पांच छह घंटों के सेमीनार में मैं भी पूरे समय आपके बीच बैठूंगा। उन्होंने कहा कि सागर के लिए आज की यह बहुत बड़ी आवश्यकता है कि मेडीकल फील्ड का हब यहीं बने और लोग बाहर से इलाज के लिए सागर आएं ताकि क्षेत्र की जनता द्वारा इसके लिए व्यय किया जा रहा राजस्व सागर की अर्थव्यवस्था में लगे। मेडीकल के क्षेत्र में प्रगति से बड़े पैमाने पर रोजगार भी सृजित होंगे।  

मंत्री सिंह ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में जब कुशलता के साथ मानवीय गुणों का भी योगदान हो तो ऐसे चिकित्सकों को ही यश की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि सीनियर डॉक्टर का अनुभव और जूनियर डॉक्टर्स के नये रिसर्च और परिश्रम से चिकित्सा जगत की सफलता सुनिश्चित होती है। यह आवश्यक है कि जूनियर डॉक्टर्स प्रैक्टिस आरंभ करने के बाद नये लैक्चर्स के लिए समय निकालते रहें। मंत्री सिंह ने कहा कि मुंबई जैसे स्थानों के विख्यात चिकित्सकों में यह चलन है कि वे हफ्ते में दो दिन अपनी प्रैक्टिस की आमदनी की चिंता नहीं करके लैक्चर्स के लिए देते हैं और वर्ष में दो महीने नये चिकित्सा शोध और तकनीक को जानने के लिए विदेशों में जाते हैं। 
मंत्री श्री सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने मेडीकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाने के साथ साथ यह भी तय किया है कि अब प्रत्येक मेडीकल कॉलेज के साथ अनिवार्य रूप से नर्सिंग कॉलेज भी खोला जाना अनिवार्य होगा। इससे चिकित्सकों और नर्सिंग कर्मियों की संख्या में असमानता दूर होगी। उन्होंने कहा कि सागर की हरिसिंह गौर सेंट्रल यूनिवर्सिटी है जिसके अंतर्गत मेडिकल फील्ड के नये पाठ्यक्रम आरंभ किए जा सकते हैं। इस पर भी चिकित्सकों को सेमिनार में विचार कर सुझाव देना चाहिए। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में स्वच्छता का स्तर देश में सबसे बेहतर हुआ है। 
मंत्री भूपेंद्र सिंह का चिकित्सकों की ओर से शाल श्रीफल और स्मृति चिन्ह से आत्मीय अभिनंदन किया गया। मंत्री श्री सिंह ने नगर के वरिष्ठ चिकित्सकों को सम्मानित किया। वयोवृद्ध चिकित्सक डॉ सतनाम सिंह और डा कमला ठाकुर जी सहित कुछ वरिष्ठ चिकित्सकों का सम्मान करने मंच से नीचे उतर कर उनका पास पहुंच गये और उनकी सेवाओं को याद करते हुए आभार व्यक्त किया।  चिकित्सकों की ओर से एसोसिएशन के सचिव व आईएमए के अध्यक्ष डा मनीष झा ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मंत्री सिंह के सेमिनार आयोजित करने की पहल का स्वागत करते हुए कहा कि जल्दी ही उनका संगठन सेमिनार की रूपरेखा बना कर मंत्री सिंह को अवगत कराएगा। 
कार्यक्रम में महापौर संगीता सुशील तिवारी, एसोसिएशन के प्रदेश प्रतिनिधि डा जीएस चौबे, अध्यक्ष डा संजीव मुखारया, सचिव डॉ मनीष झा, डा सतनाम सिंह, डा कमला ठाकुर, डॉ नीना गिडियन, डॉ. ममता तिमोरी, डॉ अरुण सराफ, डॉ श्याम मनोहर सिरोठिया, डा ज्योति चौहान, डा बमोरया, सुशील तिवारी, सुखदेव मिश्रा, डा श्रीमती ऊषा सैनी, डा रश्मि शुक्ला, डा श्रीमती सेनगुप्ता, डॉ. खान मैडम, डॉ. अरूण सिंघई, डॉ. अनिल खरे, डॉ. आनंद सिंघई, डॉ. बीके मिश्रा, डॉ. एके बम्होरिया, डॉ. शरद गुप्ता, डॉ. सुभाष सिंघई, डॉ. एसके सिंह, डॉ. रिसभ जैन, डॉ. कोहली, डॉ. दिवाकर, डॉ. सुनील जैन, डॉ. सतीष भाटी, डॉ. हुरकट, डॉ. विजय मुनोत, डॉ. भारती वाखले, डॉ. प्रमोद गोदरे, डॉ. नन्होरिया, डॉ. सोधिया, डॉ. पिपल, डॉ. तल्हा साद, डॉ. एसएम सिरोठिया, डॉ. दिवाकर मिश्रा, डॉ. आरएस वर्मा, डॉ. पिपल, डॉ. व्हीके खरे, सुशीला यादव, डॉ. केसी बरोलिया, डॉ. कमला ठाकुर, डॉ. बीके खरे, डॉ. सुभाष सिंघई, डॉ. अशोक बमोरिया, सतनाम सिंह, डॉ. दिवाकर मिश्रा, डॉ. विजय सोधिया, डॉ. प्रवीण कोहली, डॉ. भरत आनंद बाखले, डॉ. आनंद सिंघई, डॉ. प्रियंक जैन, डॉ. दीपांशु दुबे, डॉ. जिनेश दिवाकर, डॉ. सुखदेव मिश्रा, डॉ अशोक सिंघई, डॉ. अखिलेश जैन, डॉ रमेश सैनी, डॉ. सिम्मी मुखारया, डॉ. जान्हवी मुखारया, डॉ. स्वाति जैन, अमितेश जैन, महेंद्र राय, आनंद चौधरी, मनोज सिंघई और नर्सिंग होम एसोसिएशन तथा इंडियन मेडीकल एसोसिएशन के सभी सदस्य शामिल थे।

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