स्वप्र में रखती हैं इच्छा, बताती हैं गलती

img_20161006_183234हरसिद्धि माता का है रूप अलोकिक, अनेकों लोग हैं बताने वाले
सागर। धर्म, विश्वास, मान्यता, इच्छा या मन: स्थिति जो भी हो लोग इसे सत्य कहे या ईश्वर के प्रति आस्था किन्तु सिविल लाईन में स्थित माता हरसिद्धि देवी को कुछ लोग स्वप्न वाली देवी के रूप में भी पूजते है। मान्यता है कि देवी जी को जिस किसी वस्तु की आवश्यकता होती है या किसी की परिवार में कोई नये क्रियाकलाप होते है तो किसी न किसी रूप में स्वप्र में आकर पूर्व सूचना देती है। भोग प्रसादी, वस्त्र या पूजन का विशेष आयोजन कराने के लिये माता अपने जुड़े हुये भक्तों को सपने में आकर बताती है।
शारदीय नवरात्र में विराजी देवियों के दर्शन के लिये लोग आतुर हैं उपासना, आराधना, शक्ति की भक्ति में बच्चे, बुजुर्ग महिलाएं सभी जुटे है। वहीं सिविल लाईन में हरसिद्धि माई के मंदिर में समूचे वर्ष भक्ति की बयार बहती है। माता हरसिद्धि के दरवार को लेकर कई किस्से हैं। मंदिर की स्थापना हो लेकर बताया जाता है कि जिस स्थान पर हरसिद्धि माता का मंदिर स्थित है वहां की श्रीमति कल्पना शुक्ला को स्वप्न में कन्या के रूप में कहा कि तीन रूपों में तुम्हारे पास आऊंगी। पहना कन्या, दूसरा छाया और तीसरा स्वयं। इसके बाद इनके यहां एक पुत्री का जन्म हुआ जिसे लेकर माता हरसिद्धि देवी के रानगिर मंदिर में पहुंची। जहां पूजा-पाठ के दौरान अचानक एक स्थान पर देवी की मूर्ति मिल गई। जिसे आकर कठवा पुल स्थित मंदिर में विराजमान कर लिया गया। बताया जाता है कि कुछ दिनों बाद पुन: मंदिर से मूर्ति लाने का स्वप्र आया। जिसके बाद देवीजी की मूर्ति की स्थापना सिविल लाईन में कर दी गई। इसी तरह कई और भी किस्से है जिसमें मंदिर के रहने वाली एक महिला ने बताया कि एक दिन वो बाजार गई थी और पड़ौस की ही दूसरी महिला को स्वप्र आया कि अमुख महिला बाजार गई है और उन्हें हमारे वस्त्र की याद नहीं है अब तुम जाना और लेकर आना। इसी तरह पूजा-पाठ में किसी की कोई लगती होती है तो वह भी उसको इंगित हो जाती है। ऐसे कई किस्से माता के दरवार से जुड़े लोगों की जुवान से सुने जा सकते है।
हरसिद्धि माता के दरवार में सुबह-शाम लोगों का दर्शन करने ताता लगा रहा है। पं. नीरज दुबे द्वारा हर दिन विशेष आरती की जाती है। हरसिद्धि माता के भक्त माया मिश्रा, आरती, प्रदीप, सिद्धार्थ, गार्गी गौतम, पुष्पा द्विवेदी, मनीषा, प्रीति दुबे व वार्डवासियों का कहना है कि यहा पर दर्शन मात्र से ही सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।

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