भूखे रहकर ज्ञान ले रहे नन्हे-मुन्ने

IMG-20170328-WA0008स्व सहायता समूहो की मनमानी के चलते नही मिल रहा मीनू के आधार पर भोजन
रवि सोनी गढाकोटा। मध्य प्रदेश शासन द्वारा पूरे प्रदेश में आंगनबाडी केंन्द्रों के माध्यम से नौनिहाल बच्चों को क ख ग सिखाने के लिये तरह-तरह के लिये व्यजंन तैयार कर स्व-सहायता समूहों के लिये वितरण व्यवस्था यह सोचकर सौपी थी कि छोटे बच्चों के लिये अच्छा खाना मिलेगा, तो बच्चें कुछ नया सीख पायेगे। शायद दुष्परिणामों पर चिंतन नहीं किया गया? या फिर यह समझा जाये कि स्व-सहायता समूहो को कुछ अधिकारियों की मिली भगत से बडे पैमाने पर बंदरबांट की सफल योजना बनाई है। ऐसी योजनाओं को अगर कोई जमीनी स्तर पर देखना चाहता है तो उसे सागर जिले कि गढाकोटा तहसील की महिला बाल विकास परियोजना के अन्तर्गत सवा सौ से ज्यादा आंगनबाडी केन्द्र संचालित हो रहे है। जिनमें से शायद ही किसी केन्द्र पर शासन के निर्धारित मीनू के आधार पर बच्चों को भोजन दिया जा रहा हो।
संवाददाता द्वारा नगर के विभिन्न वार्डो में स्थित आंगनवाडी केन्द्रों की जमीनी हकीकत जानने का छोटा सा प्रयास किया जहां पर पाया कि आंगनवाडीं केन्द्रों पर बच्चों को मिलने वाला पौष्टिक भोजन के नाम पर प्रसाद के रूप में बच्चों को चम्मच से दिया जा रहा है। निरीक्षण करने पर यह भी पता चला कि नगर के अधिकांश आंगनवाडी केन्द्रों पर शासन की गाईड लाइन के अनुसार मीनू के आधार पर बच्चों को भोजन कम से कम 125 ग्राम मिलना चाहिए। केन्द्रों पर स्व-सहायता समूहो की कुछ संचालकों के द्वारा केवल औपचारिकता ही पूरी की जा रही है और बच्चों को मिलने वाले पौष्टिक भोजन पर स्वयं का मीनू चलाकर अपना गोरखधंधा चलाया जा रहा है। संवाददाता के द्वारा नगर के करीब आधा दर्जन आंगनवाडी केन्द्रों में मंगलवार के दिन शासन द्वारा दिए गये मीनू अनुसार खीर-पूडी दी जानी थी जिसकी मात्रा 125 ग्राम तय है। लेकिन स्व-सहायता समूहों के संचालकों की हिटलरी के कारण गरीबों के बच्चों को पर्याप्त भोजन आंगनवाडी केन्द्रों में नहीं दिया जा रहा है। जिन-जिन केन्द्रों का निरीक्षण किया गया वहां की सहायिकाओं एवं कार्यकर्ताओं ने बताया कि स्व-सहायता समूह के संचालाकों द्वारा जितनी मात्रा में भोजन साम्रगी दी जाती वह बहुत कम होती है। हम लोगों के कहने पर भी पर्याप्त भोजन संचालक नहीं भेजते और हम लोगों को उतने ही कम भोजन को कम मात्रा में देकर बच्चों को संतुष्ट कर काम चलाना पडता है। गढाकोटा के सुभाष वार्ड, बाजार वार्ड, विवेकानंद वार्ड भगतसिहं वार्ड, अंबेडकर वार्ड, शिवाजी वार्ड, में यह सच्चाई देखने को मिली। इस मामले में गढाकोटा नायाब तहसीलदार सुश्री अर्चना गुप्ता से बात हुई तो उन्होंने जांच कर कार्यवाही करने की बात कही तो वही एसडीएम राकेश मोहन त्रिपाठी ने भी उक्त स्व-सहायता समूह के सचांलको पर ठोस कार्यवाही करने की बात कही। वहीं सवांददाता द्वारा महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी शैकुन करैषी से मोबाइल फोन पर बात करनी चाही तो उन्होने फोन उठाने की जरूरत नहीं समझी। इन वार्डों के रहावासियों द्वारा क्षेत्रीय विधायक व मप्र शासन में केबिनेट मंत्री पं. गोपाल भार्गव से भी शिकायत करने की बात कही।

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