अस्पताल परिसर में शराबियों का जमने लगा जमावडा
सुरेन्द्र जैन मालथौन। बुन्देलखंण्ड में एक पुरानी कहावत है पुराने लोंग कहते है कि दवा दारु कराओं सो मालथौन में यह कहावत चरितार्थ हो रही एक साथ दवा और दारु मिल रही।
यह सुनकर आपको जरुर अटपटा लगेगा पंरन्तु सोलह आना सत्य है हाल ही में मालथौन सीएचसी के बाजू में शराब कि दुकान खोली गई हैं अब दवा और दारु एक जगह पर मिल रही है मालथौन में नियमों को दरकिनार कर शासकीय सामूदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के बाजू में नवीन अंग्रेजी शराब की दुकान संचालित हो रही हैं जिससे अस्पताल का मर्ज बिगडने लगा।
एक ओर प्रदेश में शराब बंदी को लेकर जगह जगह विरोध प्रदर्शन की खबरे समाचार एवं समाचार पत्रों से सभी को जानकारी मिल रही होगी। दुकानों को खोलने के विरोध में पूरे परिवार की महिलाओं बच्चों एवं बुद्धि जीवियों द्वारा पुरजोर विरोध किया जा रहा है लेकिन मालथौन में शासन-प्रशासन ने कैसे अस्पताल के बाजू से शराब दुकान खोलने कि अनुमति प्रदान कर दी। यह बात लोगों को हजम नहीं हो रही है जनता में जनचर्चा का विषय बना हुआ है मालथौन में दवा व दारु एक जगह पर मिल रही है।
जनता प्रदेश में शराब बंदी की मांग जोरो पर ओर ऐसे में मालथौन में शासकीय अस्पताल के आंखों कि ओपीडी के बाजू से शराब दुकान संचालित हो रही जिससे परिसर में शराबियों का जमावडा लगने लगा हैं। अस्पताल प्रबंधन के लिये सिरदर्द बन रहा है। इस दुकान से लगा हुआ मुहल्ला हरिजन आदिवासी लोहगडिया निवासित हैं। गरीब तबके के पास संचलित हो रही शराब दुकान से लोगों को परेशानी बढ गयी हैं लेकिन खामोस है उनकी खामोसी बयां कर रही हैं उनके जनप्रतिनिधि ही सोचे यह सही है या गलत।
उक्त दुकान हाइवे एवं प्रधानमंत्री सड़क अमारी रोड से लगी हुई है बैसे नियम अनुसार दो सौ बीस मीटर दूरी पर शराब दुकान खोलने का प्रावधान है लेकिन द्वारा नियमों को दरकिनार कर हाईवे से नजदीक दुकान को प्रशासन संचालित हो रही है।
इनका कहना हैं
यह बात सही है सीएचसी के बाजू से शराब दुकान खोली गई है जिससे अस्पताल परिसर में शराबियों का जमावडा लगने लगा है मुझे यह नहीं पता हैं अस्पताल के बाजू दुकान खुल सकती या नहीं यदि ऐसा नियम है तो वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराकर कार्रवाही कि जायेगाी।
डां धमैन्द्र श्रीवास्तव बीएमओ मालथौन
अस्पताल के बाजू से शराब दुकान खोले जाने का क्या ऐसा प्रावधान है क्या इस संबध में पूछे जाने पर बतलाया कि देख लेता हूं।
रघुवीर सिंह मरावी
तहसीलदार मालथौन