देवेन्द्र पटेल सागर। विश्वविद्यालय के संस्थाीपक डॉ हरी सिंह गौर के 148वें जन्म दिवस समारोह गौर जयंती के आयोजन के अवसर पर विश्वाविद्यालय के कुलपति प्रो आरपी तिवारी ने गौर मूर्ति कटरा सागर में पुष्पां जलि समर्पित करते हुए सभी को बधाईयां दीं। गौर मूर्ति स्थौल से शोभा यात्रा प्रारंभ हुई जो गौर अध्यमयन केंद्र एवं गौर जन्मक स्थईल होते हुए विश्विविद्यालय प्रांगण पहुँची। समाधि स्थरल पर पुष्पांर जलि समर्पित की गई। विश्वाविद्यालय प्रांगण के मंच मंचीय कार्यक्रम में दीप प्रज्व्स्थलन, सरस्वतती वंदना, माल्या्र्पण के पश्चाात् स्वा गत भाषण, कुलसचिव प्रो निवेदिता मैत्रा ने दिया, प्रो पुरुषोत्तीम सोनी ने कुलपति जी का शाल श्रीफल से सम्माानित किया। कुलपति प्रो आर पी तिवारी ने संविधान दिवस पर सभी को शपथ दिलाई एवं कुलाधिपति महोदय के बधाई संदेश का वाचन किया। अपने उद्बोधन में कुलपति जी ने सभी को बधाईयां देते हुए कहा कि स्वकयं को आदर्श के रूप में प्रस्तुदत करना है और डॉ गौर के सपनों को पूरा करने की हर संभव कोशिश करना है। प्रो तिवारी ने कहा कि हम मानव चेतना के प्रति संवेदनशील हों। ब्रिक्से रैंकिंग 2018 में भारत की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए प्रो तिवारी ने सभी को बधाईयां दी और बताया कि ब्रिक्सो देशों के लगभग पाँच हजार विश्व विद्यालयों में डॉ हरी सिंह गौर विश्वयविद्यालय सागर का 124वां स्था न है जोकि पिछले वर्षों की तुलना में पहले से बहुत बेहतर हुआ है। भारत में सेन्ट्रकल यूनिवर्सिटी की दृष्टि से हमारा विश्वीविद्यालय दूसरे स्थोन पर है यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। कार्यक्रम का संचालन डॉ ललित मोहन ने किया और प्रो पुरुषोत्तम सोनी ने आभार व्य्क्त किया। पुरुस्कार वितरण प्रो पीपी सिंह के निर्देशन में संपन्न हुआ। कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ राकेश सोनी के निर्देशन में सरस्ववती वंदना एवं गौर रचित गीत की प्रस्तुति दी गई। प्रो आरपी तिवारी कुलपति जी का मंच पर आगमनए संगीत विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना एवं गौर रचित गीत की प्रस्तुीति. कुलपति जी द्वारा डॉ गौर के तैल चित्र पर माल्यायर्पण, कुलपति का प्रो पुरुषोत्तम सोनी,संयोजक, गौर जयंती समारोह द्वारा शाल श्रीफल से सम्मा नए स्वा गत भाषण. द्वारा प्रो निवेदिता मैत्रा, कुलसचिव पुस्तहकों का विमोचन एवं पुरुस्काचर वितरण प्रो आरपी कुलपति जी द्वारा संविधान दिवस के अवसर पर संविधान की उद्देशिका का वाचन एवं अध्यलक्षीय भाषण।
पुरूषोत्तम मुन्ना चौबे के नेतृत्व में गौर मूर्ति के समक्ष किया गया माल्यार्पण
सागर। जैसा कि आप सबको विदित होगा कि हमारे भारत का संविधान दिनांक 26 नवम्बर सन् 1949 को बनकर तैयार हो चुका था व हमारे भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। अत: आज ही के दिन हमारे सागर के गौरव डॉ. सर हरींिसंह गौर का जन्म भी हुआ था। वही एक दुख:द घटना हमारे भारत में घटित हुई 26.11.11 को मुंबई बम ब्लास्ट में शहीद हुए वीर जवानों व आम नागरिकों को श्रद्धांजली भी अर्पित की गई। बाबा साहब को याद करते हुए पुरूषोत्तम मुन्ना चौबे ने कहा कि हमारे भारत में आजादी के पहले कुछ भी नहीं था कोई नियम निर्देशन नहीं थे अत: संविधान प्रारूप समिति का गठन किया गया ततपचात डॉ. बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर को इस प्रारूप समिति का अध्यक्ष थे। वहीं सागर के दानवीर डॉ. गौर साहब को संविधान प्रारूप समिति का सदस्य बनाया गया। वही ंइसमें 11 लोगा सम्मिलित थे जो कि संविधान समिति के सदस्य थे। जिन्होंने हमारे भारत का संविधानिक ढाचा तैयार करके दिया। जिसका पालन आज दिनांक तक हो रहा है। और जब तक इस भारत में मानव जाति रहेगी इन नियमों का पालन होता रहेगा। वहीं डॉ. गौर साहब के जन्म दिवस के अवसर पर भी उनकी प्रतिमा पर माल्र्यापण कर श्रद्वांजली अर्पित की। साथ ही साथ तत्कालीन घटना 26.11.11 में शहीदों को याद कर मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजली अर्पित कर उनके परिवार को साहस प्रदान करने की ईवर से कॉमना की। श्रद्धांजली देने वालों में मुख्य रूप से म.प्र. किसान कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष पुरूषोत्तम मुन्ना चौबे, म.प्र. शासन के पूर्व मंत्री सुरेन्द्र चौधरी, ऋषभ जैन, गोवर्धन रैकवार, शरद पुरोहित, हेमराज रजक, सौकत अली खान, कैलाा साहू, राहुल चौबे, रीतेा रोहित, संदीप चौधरी, नैतिक चौधरी, आदित्य चौधरी, शुभम सोनी, अनुज सेन, शुभम केारवानी, जैद खान, सत्यम रोहित, मनीष नगेले, चक्रेा रोहित, रोहित चौधरी, शहजाद खान, शहबाज खान सहित अनेक काग्रेंसजन उपस्थित थे।