विधानसभा चुनाव के बाद सरकार सड़क के गड्डों को भूली
सुरेन्द्र जैन मालथौन। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के वक्त प्रदेश की सड़कों को घमासान मचा हुआ था चुनाव के नई सरकार बनने के तीन माह बाद भी उन सड़कों की हालत दयनीय बनी है सड़क बनना दूर उन सड़कों की गड्डों की मरम्पत भीं नहीं हो सकी है अब उन सड़कों के गड्ढे और फैल गए वह जानलेवा साबित हो रहे हैं हम सागर जिले के मालथौन खिमलासा बीना स्टेट हाइवे और खिमलासा और खुरई मार्ग की बात कर रहे है 40 किलोमीटर की दूरी में दर्जनों सड़क पर बड़े बड़े गड्ढे बने हुए हैं मुसाफिरों की गड्ढे कमरतोड़ रहे है साथ ही वाहन मालिकों को टूट फूट का सामना करना पड़ रहा है । सड़क पर बने गहरे गहरे चौड़े चौड़े गड्ढे अब कितनों को अपना शिकार बना चुका हैं। लेकिन न नेताओं को परवाह है न शासन के नुमाइंदों को। उक्त स्टेट हाइवे मालथौन खिमलासा बीना मार्ग पर चार पहिया वाहनों से लेकर बड़े बड़े वाहनों से रोजना टूल शुक्ल बदहाल मार्ग का बसूला जा रहा हैं। उक्त मार्ग से अगोसौद रिफाइनरी बीना से रोजाना सैकड़ो वाहन ज्वलनशील पदार्थो के केमिकल उत्पादों का परिवहन कर रहे हैं। साथ ही मार्ग से भोपाल विदिशा इंदौर के उपर्युक्त मार्ग है लेकिन इस 40 किलोमीटर की दूरी का मार्ग पर जगह जगह जानलेवा गड्डों ने रूप ले लिया हैं। लेकिन अब तक जिम्मेदार कुभकर्णीय नींद में सो रहे हैं कमसे कम गड्डों का भराव करवा देते। जर्जर पुल दे रहा हादसों को न्योता: स्टेट हाइवे 42 बीना मालथौन के नरेन नदी स्थित बना पुल जर्जर हो चुका हैं पुल की रेलिंग एक बड़े हादसे में क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं साथ ही पुल पर गड्ढे स्प्ष्ट नजर आ रहे है ऊपर सरिया निकल आये हैं और सुराग भी बन आये हैं अण्डेला नदी के पुल की रेलिंग क्षत्रिग्रस्त हुए दो बर्ष बीत चुके करीब किसी सुध नहीं ली आजतक इस बीच दो तीन हादसे भी घट चुके हैं। संबधित एमपीआरडीसी विभाग द्वारा वरती जा रही घोर लापरवाही बड़े हादसों को शायद चुनोती दे रही हैं। यदि कोई पुल अप्रिय घटना दुर्घटना घटित होती है इसका कौन होगा जिम्मेदार ?