माता सावित्रीबाई फुले के प्रयासों से भारत में महिलाओं की शिक्षा शुरू हो सकी

सागर – भारतवर्ष की प्रथम महिला शिक्षिका माता सावित्रीबाई फुले की 192 वी जन्म जयंती का आयोजन पगारा रोड, शास्त्री वार्ड में किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता धर्मराज ठेकेदार ने कहा कि माता सावित्रीबाई फुले ना होती तो आज महिलाओं की स्थिति का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता था। माता सावित्रीबाई फुले के अथक प्रयासों से ही भारत में महिलाओं की शिक्षा शुरू हो सकी थी। उन्हीं के संघर्ष के कारण आज महिलाओं को गृहणी से लेकर राष्ट्रपति पद तक का अहम् सम्मान प्राप्त हुआ है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वामी विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी के वरिष्ठ प्रचारक व भाजपा नेता उमाकान्त विश्वकर्मा ने कहा कि बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर जी ने माता सावित्रीबाई फुले के आदर्श और शिक्षाओ से ही प्रेरणा लेकर भारतीय संविधान में महिलाओं को विशेष हक अधिकार दिलाने के लिए अपनी सराहनीय भूमिका अदा की है। माता सावित्री बाई फुले का नाम इतिहास में हमेशा महान रहेगा उनके योगदान को आने वाली पीढ़ी हमेशा याद करेगी। कार्यक्रम का आभार मुन्नालाल राठौरया ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से दिनेश भाई सेठ, सचिन ठेकेदार, प्रेम नारायण माते, रोहित कुमार, मनोज अहिरवार, डॉ प्यारेलाल शास्त्री, सोनू अहिरवार, मनीराम राय, संतोष बेकरी, गुड्डा सोनी, लक्ष्मण माते, संदीप लेब, दीपक विश्वकर्मा, सुशील चौधरी, दिलीप कुमार, जुगल पांडे आदि भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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