धर्म एवं मंदिरों की आड़ में चल रहा है गोरखधंधा

हेमराज लोधी। बंडा से करीब 22 किलोमीटर दूर ग्राम उल्दन में प्राचीन मंदिर स्थित है । लेकिन कई वर्षों से मंदिर की सही देखरेख नहीं होने से खंडहर बन चुका है । प्राचीन काल में निर्मित मंदिर की दीवार गिरने लगी श्री देव जानकी रमण मंदिर वृंदावन बाग मठ सागर के अधीनस्थ है ।
ग्रामीणों का कहना
जब ग्रामीणों से बात की तो उन्होंने बताया कि हमारे ग्राम का मंदिर गांव की धरोहर है। जन्म से ही मंदिर को देखते आ रहे हैं देव जवानी रमण मंदिर के नाम पर करीब 350 एकड़ जमीन है। सागर वृंदावन बाग ट्रस्ट के महंत के द्वारा गोपनीय तरीके से मंदिर की जमीनों को प्रतिवर्ष नीलाम करते हैं उनके द्वारा प्रतिष्ठित व्यक्तियों को जमीन ठेके पर दी जाती है ।
मंदिर का विकास नहीं
लोगों ने बताया कि मंदिर की जमीन को ठेका पर देने से करीब 15 – 20 लाख रुपए वर्ष की राशि एकत्रित होती है । राशि का उपयोग कहां किया जाता है आज तक किसी को पता नहीं।
ग्रामीणों ने लगाया परिवारवाद का आरोप
ग्रामीणों ने बताया कि पहले ट्रस्ट में ब्रह्मचारी मंहत रहते थे और वहां पर 10 मंदिर बने हुए हैं महंतों के लिए लेकिन जो महंत हैं वह परिवार वाले हैं उसी में उनके रिश्तेदार भी मंदिर में रहते हैं । अब जो मंदिर का पैसा आता है उस पैसे से परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन और मकान खरीदे जा रहे हैं । कुछ दिन पूर्व की है कलेक्टर से शिकायत इसकी ग्रामीणों द्वारा दिनांक 22 -5 – 2019 में कलेक्टर को लिखित में शिकायत की थी । जिसकी जांच कलेक्टर ने बंडा तहसीलदार को सौपी है। लेकिन उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई ।

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