बुंदेली धरा के सर्वप्रिय परोपकारी वृत्ति धारण किए थे अशोक गोपीचंद रैकवार- आचार्य महेश त्रिपाठी

अखिल भारतीय साहित्य सृजन  मंच एवं भारत  तिब्बत मैत्री संघ ने स्वर्गीय श्री अशोक गोपी चंद्र रैकवार को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी है  श्रद्धांजलि सभा में अखिल भारतीय साहित्य सृजन मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष  आचार्य पंडित महेश दत्त त्रिपाठी ने कहा कि सर्व समाज के प्रिय सुप्रसिद्ध समाजसेवी अशोक गोपी चंद्र रैकवार इस बुंदेली धरा के धर्म निष्ठ  तथा कर्म निष्ठ व्यक्तित्व थे अपनी परोपकारी वृद्धि के कारण विद्युत मंडल में सेवा के दौरान अपनी सीट से उठकर जनता के दुख दर्द को सुनकर उसका हल कराते थे  शिक्षाविद  आचार्य महेश त्रिपाठी ने कहा कि हमारे  पूज्य पिता ब्रह्मलीन स्वर्गीय पंडित जगन्नाथ प्रसाद त्रिपाठी ( पारगुबा वाले )से  उनका निकट सानिध्य था और मेरे परिवार के हर सुख दुख में पारिवारिक सदस्य की भांति शामिल होते थे यहां तक कि जब  राज्य स्तरीय गिजूभाई  पुरस्कार मिला विधानसभा अध्यक्ष श्री गिरीश गौतम के द्वारा भोपाल में 20-12-22 को तो सोशल मीडिया पर सर्वप्रथम बधाई देने वाले व्यक्ति श्री अशोक जी ही थे महेश त्रिपाठी  ने कहा कि राजा परीक्षित की भांति श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में मुख्य यजमान की भूमिका में सुरखी  गौशाला में कथा श्रवण उपरांत सागर आते समय अशोक जी ने नश्वर शरीर को त्यागा पर उनका उदार चरित्र स्मृतियां मानस पटल  पर रहेंगी भारत तिब्बत मैत्री संघ की ओर से सुबोध मलैया, दामोदर अग्निहोत्री, काशीराम रैकवार, ( संपादक दैनिक नया दौर),  दाऊ भगवानदास रैकवार एवं अखिल भारतीय साहित्य सृजन  मंच की ओर से साहित्यकार राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्यमहेश त्रिपाठी  एवं  प्रगतिशील लेखक संघ के अध्यक्ष टीकाराम त्रिपाठी आदि ने उनके पुत्र अश्विन, भाई अजय रैकवार, पुत्री डॉक्टर अनामिका सागर को जड़ा हुआ  पुष्पांजलि शोक संवेदना पत्र भेंट किया

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